बैतूल। जिले भर में पुत्रों की माताओं ने पुत्रों की दीर्घायु के लिए हरछठ माता का व्रत पूरी विधि विधान के साथ किया और व्रत भी रखा। इस दौरान पुत्रों की माताओं ने हरछठ माता को पांच अनाज की लाई, महुआ, महुए के पत्ते और कांस से पूजा की। इसके साथ ही ऐसी पुत्रों की माताएं जिन्होंने पुत्र होने के बाद पहली बार हरछठ का व्रत किया है ऐसी महिलाओं ने शक्कर के गडग़े में महुआ, पांच अनाज की लाई सहित अन्य सामग्री के साथ माता का पूजन किया। इसके अलावा जिस महिला के जितने पुत्र रहते हैं उसी हिसाब से क्रमश: एक पुत्र के 12 गडग़े महिलाओं द्वारा भरकर हरछठ माता का पूजन किया गया। ऐसी मान्यता है कि हरछठ माता के व्रत के दिन जमीन की जुती हुई कोई भी सामग्री का सेवन नहीं किया जाता है और गाय का दूध भी वर्जित रहता है। इसलिए इस दिन भैंस के दूध का ही भोग और सेवन किया जाता है।
हरछट माता का पावन पर्व संपूर्ण जिले में आज महिलाओं द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महिलाओं ने सामूहिक रूप से एकत्रित होकर जहां माता हरछट का पूरे विधि-विधान के साथ पूजन-अर्चन किया, तो वहीं अपनी संतान की लंबी उम्र और तरक्की की कामना भी की। उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष रक्षाबंधन के पश्चात माता हरछट का पूजन किया जाता है। इस दौरान अपनी संतान की सलामती और लंबी उम्र के लिए महिलाओं द्वारा व्रत भी रखा जाता है और भैंस के दूध, दही और घी से माता का पूजन विशेष महत्व रखता है। हरछठ माता का पूजन किया गया पुत्र की दीर्घायु के लिए यह व्रत किया जाता है। कांताबाई श्रीवास्तव, संगीता श्रीवास्तव, माया सूर्यवंशी, सीतल मेश्राम, प्रियंका मेश्राम, लता मालवीय, रानू आर्य, सीमा बाई, शारदा सूर्यवंशी, साधना श्रीवास्तव, रेखा मिश्रार, इत्यादि महिला द्वारा पूजन किया गया।
09
Aug 2020
by kchurhey73